Chetan or Avchetan man|चेतन और अवचेतन मन |

नमस्कार दोस्तों , पिछले भाग में हमने विश्वास के बारे में अच्छे से जाना था। इस भाग में हम मस्तिष्क के दोनों भाग के कार्यों को जानेंगे। किये जानते हैं।

भाग – 10

आपके मस्तिष्क के दो तरफ़ा कार्यों को जानने का एक अद्भुत तरीका यह है कि आप इसे एक बगीचा मान लें। आप माली है। आप अपने अवचेतन मन में हर दिन विचार के बीज बो रहे हैं। ज़्यादातर समय आपको यह एहसास ही नहीं है कि आप ऐसा कर रहे है , क्योंकि बीज आपकी आदतन सोच पर आधारित होते हैं। जैसा आप अपने अवचेतन मन में बोते हैं , आपको अपने शरीर तथा परिस्थितियों में वैसी ही फ़सल काटनी पड़ती है।

कल्पना करें कि आपका अवचेतन मन उपजाऊ मिटटी है , जो सभी तरह के बीज की उगने में मदद करेगी , चाहे वे अच्छे हों या बुरे। अगर आप कांटे बोते हैं , तो क्या आपको अंगूर मिल सकते हैं ? अगर आप कटीली झाड़ियाँ बोते हैं , तो क्या आपको अंजीर की फ़सल मिल सकती है ? हर विचार एक कारण है और हर परिस्थिति एक परिणाम। इसी वजह से यह अनिवार्य है कि आप अपने विचारों पर नियंत्रण करें। सिर्फ इसी तरह इच्छित परिस्थितियाँ मिल सकती हैं।

इसी समय शांति , ख़ुशी , सही कर्म , सद्भावना और समृद्धि के विचारों के बीज बोना शुरू कर दें। शांति और विश्वास से इन चीजों के बारे में सोचें। अपने चेतन तार्किक मन में इन्हें पूरी तरह स्वीकार करें इन अद्भुत विचार – बीजों को अपने मस्तिष्क के बगीचे में बोते रहें ; आपको बहुत बढिया फ़सल मिलेगी।

जब आपका मस्तिष्क सही तरीक़े से सोचता है , जब आप सच्चाई समझ लेते हैं , जब आपके अवचेतन मन तक पहुँचे विचार सृजनात्मक सद्भावनापूर्ण और शांतिपूर्ण होते हैं , तो आपके अवचेतन की जादुई कार्यकारी शक्ति प्रतिकिर्या करेगी। यह उस विचार के लिए आवश्यक परिस्थितियों और उचित माहौल का निर्माण कर देगी। अपनी विचार प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के बाद आप किसी भी समस्या या मुश्किल में अपने अवचेतन मन की शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं। वास्तव में आप जान बूझकर हुए उस असीमित शक्ति और अटूट नियम के साथ सहयोग कर रहे हैं , जो सभी चीज़ों पर लागू होता है।

अपने चरों तरफ़ देखें। आप जचाहे जहाँ रहते हों , आपकी सामाजिक स्थिति चाहे जैसी हो , आप देखेंगे कि अधिकांश लोग बाहर की दुनिया में जीते हैं। बहरहाल , ज्यादा ज्ञानी लोग अपने अंदर की दुनिया में जीते हैं। उन्हें यह एहसास है – जो आपको भी होगा – कि अंदर की दुनिया से ही बहार की दुनिया उत्पन्न होती है। आपके विचार , भावनाएँ और सपने आपके अनुभव के जनक हैं। आंतरिक मन ही एकमात्र रचनात्मक शक्ति है। बाहरी संसार में आपको जितनी भी चीजें मिलती हैं , वे सभी आपने अपने मन के अंदरूनी संसार में उत्पन्न की हैं , चाहे आपने यह काम सचेतन रूप से किया हो या अवचेतन रूप से।

जब आप अपने चेतन और अवचेतन मन की आपसी कार्यविधि के बारे में सच्चाई जान लेंगे , तो अपने जीवन की कायापलट करने में कामयाब हो जाएँगे। अगर आप बाहरी स्थितियों को बदलना चाहते हैं , तो आपको उनके कारणों को बदलना होगा। अधिकांश लोग परिस्थितियों और स्थितियों से संघर्ष करके उन्हें बदलने की कोशिश करते हैं। यह समय और मेहनत की भयंकर बर्बादी है। वे यह नहीं देख पाते हैं कि ये स्थितियाँ और परिस्थितियाँ किसी कारण से उत्पन्न हुई हैं। अपने जीवन से मनमुटाव , दुविधा , कमी और सीमा को दूर करने के लिए आपको उसके मूल कारण को दूर करना होगा। कारण है वह तरीक़ा , जिससे आप अपने चेतन मन का प्रयोग करते हैं ; वे विचार और तस्वीरें , जो आप इसमें भरते हैं। कारण को बदल दें , परिणाम अपने आप बदल जायेगा। यह इतना ही आसान है।

हम सभी असीमित दौलत के अथाह समुद्र में रहते हैं। आपका अवचेतन मन आपके चेतन विचारों के प्रति बहुत संवेदनशील होता है। ये चेतन विचार सांचे की तरह काम करते हैं , जिनमें आपके अवचेतन का असीमित ज्ञान , बुद्धि , जीवन – शक्ति और ऊर्जा प्रवाहित होती है। अगर आप सांचे को अधिक सकारात्मक बना दें , तो आपको इस असीमित ऊर्जा से अधिक लाभ हो सकता है। …….continue……..भाग – 11

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